परमेश्वर ने ऐसी पृथ्वी बनाई जो पूर्ण संतुलन में थी। इस पृथ्वी ने हम पापियों के कारण संतुलन खोया है जिन्होंने पृथ्वी पर कब्जा किया है। सच्चा संतुलन पाने के लिए हमें वह सुनना चाहिए जो एलोहीम परमेश्वर हम से कहते हैं, और बाइबल पढ़ना चाहिए और उस पर विश्वास करना चाहिए। तभी हम पिता और माता के दिए गए लक्ष्य, यानी अपनी आत्माओं का उद्धार पा सकते हैं।
पृथ्वी संतुलन के बाहर है
परमेश्वर परिपूर्ण हैं, इसलिए पृथ्वी जिसकी सृष्टि परमेश्वर ने की थी, वास्तव में परिपूर्ण थी। लेकिन आज पृथ्वी के साथ क्या हुआ? चार अरब सालों तक क्या हो गया है? युद्ध, सूनामी, भूकंप, तूफान, ग्लोबल वार्मिंग इत्यादि के कारण पृथ्वी गड़बड़ हो गई है।
अब बेशक हम कह सकते हैं कि यह संतुलन के बाहर है। वह जिसने पूर्ण संतुलन में सृजी गई पृथ्वी को बदला है, लालची मनुष्य है। हम पूरी तरह लालच से भरे हैं, और हम वो हैं जो असंतुलन लाए हैं। पृथ्वी के असंतुलन से मुझे जो फायदा हुआ वह यह है कि इससे मुझे नौकरी मिली। मैं उस असंतुलन को जिसे हमने बनाया है, दूर करने का प्रयास करता हूं।
संतुलन लाने का मनुष्य का तरीका
उस राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय में जहां मैं काम कर रहा हूं, हम वह संतुलन हासिल करने के लिए जिसे हम ढूंढ़ते हैं, एक संगठन, प्रक्रियाएं और उपाय सुझाते हैं। हम लक्ष्य, रणनीति और कार्यवाही की योजना बनाते हैं।
यदि मैं उत्तर-पूर्व एशिया से उदाहरण दूं जिसका मैं कार्यभार संभालता हूं, हमारा राष्ट्रीय लक्ष्य शांति है। उसका समर्थन करने के लिए, हम क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए एक योजना बनाते हैं, क्योंकि सिद्धांत में क्षेत्रीय सुरक्षा या क्षेत्रीय स्थिरता शांति की कल्पना को साकार कर सकती है।
इसलिए हम अधिकारियों से लेकर राष्ट्रपति तक, देश के हर व्यक्ति को हस्तक्षेप करते हैं। मैं थल सेना, नौसेना और अन्य अर्द्ध सैनिक बलों में सामान्य सैनिक से लेकर जनरल तक निर्देशित और नियंत्रित करता हूं। एक रक्षा सहयोग संधि की भी आवश्यकता होती है जिसके तहत दोनों देश सिर्फ मित्र राष्ट्र नहीं, पर संधि-संधानित राष्ट्र बनते हैं। कोरिया और अमेरिका ने रक्षा सहयोग संधि पर हस्ताक्षर किए हैं। इसलिए यदि कोई दक्षिण कोरिया पर हमला करे, तब कोरिया शांति के लिए अमेरिका के साथ मिलकर हमलावरों के खिलाफ लड़ता है।
लेकिन ऐसा करना आसान नहीं है। मेरा काम सामंजस्य और समन्वय स्थापित करना है ताकि ऐसा काम सुचारू रूप से चल सके।
संतुलन लाने के लिए परमेश्वर की रणनीति और युक्ति
पृथ्वी के पास जिसकी एलोहीम परमेश्वर ने सृष्टि की थी, संपूर्ण संतुलन था, और परमेश्वर ने जो जानते हैं कि हम पापी हैं, हमें संतुलन बनाए रखने का तरीका बताया।
वह सारी मानव जाति की उद्धार की ओर अगुवाई करना है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए क्या योजना है? परमेश्वर हमसे कहते हैं कि हमें बाइबल पढ़नी चाहिए और इस पर विश्वास करना चाहिए कि उसमें परमेश्वर के वचन हैं।
परमेश्वर ने हमें नीति भी प्रदान की है। रणनीति को सफल बनाने के लिए कार्यवाही की योजना, यानी नीति अपने पापों के लिए पश्चाताप करने से शुरू होती है। उसके बाद हमें परमेश्वर की व्यवस्थाओं का पालन करना चाहिए और परमेश्वर के दिए हुए नमूनों का पालन करना चाहिए। हमें दूसरों के लिए बलिदान और सेवा करनी चाहिए और अपने शब्दों व कर्मों के द्वारा एलोहीम परमेश्वर को स्तुति, महिमा और आदर देना चाहिए।
बाइबल पर विश्वास करो और परमेश्वर को जानो
यदि हमने इन सब नीतियों का अनुसरण किया, तो आखिर हमें क्या करना चाहिए? वह सुसमाचार का प्रचार करना है। हमें उन लोगों को खोजना चाहिए जो सत्य को ढूंढ़ रहे हैं और उन्हें हमें दिए गए सत्य का प्रचार करना चाहिए और उन्हें सिखाना चाहिए कि उनका लक्ष्य उद्धार है। यदि हम उन्हें यह सब सिखाएं, तब उनकी आत्मिक आंखें सत्य की ओर खुल जाएंगी, और वे सिय्योन में धारा के समान वापस आएंगे। यदि हर कोई बाइबल को पढ़ता और समझता, तो क्या मेरी नौकरी की जरूरत होगी? दो हजार वर्ष पहले भी लोग बाइबल के वचनों पर कान नहीं लगाते थे और विश्वास नहीं करते थे।
क्योंकि यदि तुम मूसा का विश्वास करते, तो मेरा भी विश्वास करते, इसलिये कि उसने मेरे विषय में लिखा है। परन्तु यदि तुम उसकी लिखी हुई बातों पर विश्वास नहीं करते, तो मेरी बातों पर कैसे विश्वास करोगे?
यूहन्ना 5:46–47
दो हजार वर्ष पहले मूसा की लिखी हुई बातें क्या हैं? वह बाइबल है। लेकिन लोग बाइबल को नहीं पढ़ते थे और लोग जो उसे पढ़ते थे, उस पर पूरी तरह विश्वास नहीं करते थे। यीशु ने कहा कि वे परमेश्वर को नहीं जानते।
यह सब कुछ वे मेरे नाम के कारण तुम्हारे साथ करेंगे, क्योंकि वे मेरे भेजनेवाले को नहीं जानते।
यूहन्ना 15:21
हम सारी सृष्टियों के द्वारा सृष्टिकर्ता को जान सकते हैं
परमेश्वर शरीर बनकर पृथ्वी पर यीशु के नाम से आए। लेकिन लोग परमेश्वर को न तो पहचानते थे और न ही स्वीकार करते थे, क्योंकि उन्होंने पवित्रशास्त्र नहीं पढ़ा और वचनों पर विश्वास नहीं किया। यह वह समस्या है जो आज हमारे पास है। हालांकि हम कहते हैं कि परमेश्वर ने आकाश और पृथ्वी की सृष्टि की, और हम वास्तव में पृथ्वी के द्वारा ही अपने दैनिक जीवन में परमेश्वर के कार्य को देखते हैं, मगर हम उसे नहीं जानते।
वे स्वर्ग में की वस्तुओं के प्रतिरूप और प्रतिबिम्ब की सेवा करते हैं।
इब्रानियों 8:5
पृथ्वी पर परमेश्वर के द्वारा सृजी गई सारी वस्तुएं स्वर्ग की असली वस्तुओं का प्रतिरूप और छाया है। और परिवार-प्रणाली में भी यह लागू किया जाता है। यदि परिवार-प्रणाली को देखा जाए, तो परिवार में पिता, माता और सन्तान हैं।
माता वह है जो परिवार में संतुलन लाती है
तब स्वर्ग में आत्मिक परिवार कैसा होगा?
फिर जब कि हमारे शारीरिक पिता भी हमारी ताड़ना किया करते थे और हमने उनका आदर किया, तो क्या आत्माओं के पिता के और भी अधीन न रहें जिससे हम जीवित रहें।
इब्रानियों 12:9
यहां बताया गया है कि हमारे पास शारीरिक पिता है और आत्मिक पिता भी है। यीशु ने बताया कि वह आत्मिक पिता स्वर्ग में है।
“अत: तुम इस रीति से प्रार्थना किया करो: ‘हे हमारे पिता, तू जो स्वर्ग में है; तेरा नाम पवित्र माना जाए…”
मत्ती 6:9
जैसे हमारे पास शारीरिक पिता है, वैसे ही हमारे पास आत्मिक पिता भी है। एक पुरुष को पिता कहलाने के लिए एक शर्त पूरा करना चाहिए। वह संतान है।
और तुम्हारा पिता होऊंगा, और तुम मेरे बेटे और बेटियां होगे। यह सर्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर का वचन है।
2कुरिन्थियों 6:17–18
2कुरिन्थियों 6:18 कहता है कि परमेश्वर के बेटे और बेटियां होते हैं। क्या आपको याद है कि मेरी प्रस्तुति का शीर्षक क्या है? माता वह है जो संतुलन लाती है। संतुलन क्या है? परिवार में स्थिरता क्या है? क्या हम विश्वास कर सकते हैं कि परमेश्वर एकल पिता या एकल माता है? मुझे लगता है कि हम आज इसी तरह कहते हैं। परमेश्वर एकल पिता या माता नहीं है। बिल्कुल नहीं! माता है। और बाइबल में भी उनके बारे में दर्ज है।
ऊपर की यरूशलेम स्वतंत्र है, और वह हमारी माता है।
गलातियों 4:26
हमारे पास पिता परमेश्वर और माता परमेश्वर हैं, और हम परमेश्वर की सन्तान हैं। जब हम लोगों को यह आयत दिखाते हुए कहते हैं, “देखिए, यरूशलेम माता! वह हमारी माता हैं,” तब कुछ लोग कहते हैं, “नहीं, ऐसा नहीं हो सकता।” जो इससे इनकार करते हैं, वे बाइबल से इनकार करने वाले हैं।
परिवार लहू से जुड़ा हुआ है
यह जानना भी बहुत ही महत्वपूर्ण है कि क्या चीज परिवार वालों को एक साथ जोड़ती है? परिवार लहू से जुड़ा होता है। इस पृथ्वी पर सब कुछ स्वर्ग की वस्तुओं का प्रतिरूप और प्रतिबिम्ब है। अगर इस पृथ्वी पर परिवार शारीरिक लहू से जुड़ा होता है, तो वह क्या है जो आत्मिक परिवार या स्वर्गीय परिवार को जोड़े रखता है? वह भी लहू है। किस प्रकार का लहू है? वह फसह के पर्व का लहू है।
… जब तक तुम मनुष्य के पुत्र का मांस न खाओ, उसका लहू न पीओ, तुम में जीवन नहीं।
यूहन्ना 6:53
लेकिन आप कैसे किसी का मांस खा सकते हैं और किसी का लहू पी सकते हैं? उन दिनों के लोगों ने भी इसके बारे में प्रश्न पूछा। यह जानना बहुत ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसका परिणाम अनन्त जीवन है। हम सब अनन्त जीवन पाना चाहते हैं। आइए हम मत्ती 26:19 को देखें।
अत: चेलों ने यीशु की आज्ञा मानी और फसह तैयार किया।
मत्ती 26:19
यह वह दृश्य है जिसमें उन्होंने फसह का पर्व मनाया।
जब वे खा रहे थे तो यीशु ने रोटी ली, और आशीष मांगकर तोड़ी, और चेलों को देकर कहा, “लो, खाओ; यह मेरी देह है।” फिर उसने कटोरा लेकर धन्यवाद किया, और उन्हें देकर कहा, “तुम सब इसमें से पीओ, क्योंकि यह वाचा का मेरा वह लहू है, जो बहुतों के लिए पापों की क्षमा के निमित्त बहाया जाता है।”
मत्ती 26:26-28
माता अनन्त जीवन की प्रतिज्ञा पाने का एकमात्र रास्ता है
तो अनन्त जीवन पाने के लिए हमें क्या करना चाहिए? हमें फसह की रोटी खानी चाहिए और फसह का दाखमधु पीना चाहिए। यह बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि यह वह लहू है जो परिवार को जोड़े रखता है। परमेश्वर की सन्तान बनने के लिए आपको फसह का पर्व मनाना चाहिए जिसके द्वारा आप मसीह के लहू में भाग ले सकते हैं। यही एकमात्र रास्ता है जो हमें परिवार के सदस्यों के रूप में एक-दूसरे से जोड़ता है। मैंने बताया कि माता परिवार में संतुलन लाती है, तो मैं क्यों फसह के बारे में बता रहा हूं? क्योंकि माता के बारे में जानने और समझने के लिए हमें एक चीज की पुष्टि करनी चाहिए।
हे भाइयो, हम इसहाक के समान प्रतिज्ञा की सन्तान हैं।
गलातियों 4:28
यह प्रतिज्ञा अनन्त जीवन है। यीशु ने कहा, “जो मेरा मांस खाता और मेरा लहू पीता है, अनन्त जीवन उसी का है।” और गलातियों की पुस्तक कहती है कि हम प्रतिज्ञा की सन्तान हैं जो अनन्त जीवन पाएंगी।
इसलिये हे भाइयो, हम दासी के नहीं परन्तु स्वतंत्र स्त्री की सन्तान हैं।
गलातियों 4:31
हम स्वतंत्र स्त्री की सन्तान हैं। तब स्वतंत्र स्त्री कौन है?
ऊपर की यरूशलेम स्वतंत्र है, और वह हमारी माता है।
गलातियों 4:26
स्वतंत्र स्त्री हमारी माता हैं। हम प्रतिज्ञा की सन्तान हैं। अगर हम नई यरूशलेम माता को नहीं पहचानेंगे, नहीं स्वीकारेंगे, और उनका पालन नहीं करेंगे, तो हम अनन्त जीवन नहीं पा सकते। और जो बात इससे ज्यादा मायने रखती है वह है कि सिर्फ माता के द्वारा ही हम अनन्त जीवन की प्रतिज्ञा पा सकते हैं। इसका मतलब है कि माता ही फसह का सत्य है। हम क्यों कहते हैं कि यह महत्वपूर्ण है? वह क्या है जो स्वर्गीय परिवार को जोड़े रखता है? वह फसह का लहू है। दरअसल, फसह का सत्य नई यरूशलेम हमारी माता हैं।
माता का प्रेम संतुलन लाता है
मेरा काम संसार में संतुलन बनाए रखना है। संसार ने हम पापियों के कारण अपना संतुलन खो बैठा जिन्होंने संसार पर कब्जा किया है। सच्चा संतुलन पाने के लिए आइए हम एलोहीम परमेश्वर के वचनों को सुनें और बाइबल पढ़ें। रणनीति के अनुसार आइए हम बाइबल को पढ़ें और उस पर विश्वास करें जो पिता और माता के वचन हैं, ताकि हम पिता और माता के दिए गए लक्ष्य, यानी अपनी आत्माओं का उद्धार पूरा कर सकें।
वचनों को पढ़ना, उनको समझना, और उन पर विश्वास करना रणनीति है। क्योंकि हम बाइबल पढ़ने से और वचनों पर विश्वास करने से ही एलोहीम परमेश्वर, पिता और माता को जान सकते हैं। यदि हम बाइबल पर विश्वास करें जो परमेश्वर के वचन हैं, तब हम एलोहीम परमेश्वर, पिता और माता को पहचान सकते हैं, और हम सबसे महत्वपूर्ण बात जान सकते हैं कि यरूशलेम माता का प्रेम हमारे जीवन में उस संतुलन को लाता है जिसे हम ढूंढ़ते हैं। यह इसलिए है कि यदि हम एलोहीम परमेश्वर माता को जानें और उस प्रेम को जानें जो माता हमें देती हैं, तो वह प्रेम हमारे हृदयों में उपजता है। अनन्त जीवन से बड़ा उपहार हमारे लिए क्या हो सकता है? और वह हमें हमारी माता देती हैं। तो आइए हम अपने पिता और माता की स्तुति करें जिन्होंने हमें वह संतुलन दिया जिसे हम ढूंढ़ते हैं।
धन्यवाद!